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सरफराज खान: भारतीय क्रिकेट टीम की नवीनतम सनसनी, बड़ी भूमिकाओं की तैयारी

सरफराज खान: भारतीय क्रिकेट टीम की नवीनतम सनसनी, बड़ी भूमिकाओं की तैयारी

सरफराज खान

राजकोट टेस्ट की दो पारियों में दो अर्धशतक लगाने के बजाय सरफराज खान ने एक ही पारी में शतक लगाया होता तो शायद उनको भी उतनी ही प्रशंसा मिली होती जितनी उनके साथी खिलाड़ी यशस्वी जायसवाल को मिली है।
मुंबई के 26 वर्षीय बल्लेबाज को टेस्ट कैप के लिए जितना समय लगा, उसकी तुलना हाल के वर्षों में शायद किसी और खिलाड़ी से नहीं की जा सकती।

हालाँकि, राजकोट टेस्ट के पहले दिन सरफराज़ बल्लेबाज़ी करने उतरे तो उनकी चाल और बल्लेबाज़ी के अंदाज़ को देखते हुए कभी नहीं लगा कि वे किसी तरह की परेशानी में हैं।

इंडिया के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना

जिस बेटे ने पिछले एक दशक में अपने पिता को क्रिकेट खेलने के लिए भारत आते हुए हर साल ऑफ सीज़न में कार से हज़ारों किलोमीटर चलाते देखा हो, उसके लिए टीम इंडिया के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना पूरे परिवार के संघर्ष को पूरा करने जैसा था।

टीम इंडिया के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज विजय यादव की फ़रीदाबाद में अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी, मोहम्मद शमी के घर का मैदान, देहरादून की क्रिकेट एकेडमी, कानपुर में कुलदीप यादव के कोच की एकेडमी, गाज़ियाबाद में टीएनएम क्रिकेट एकेडमी, मथुरा की अचीवर्स एकेडमी, मेरठ में भुवनेश्वर कुमार के कोच संजय रस्तोगी की क्रिकेट एकेडमी, दिल्ली के भरतनगर सरफ़राज़ को उनके पिता इन सभी स्थानों पर ले गए।

पिता नौशाद खान

सरफराज खान के पिता नौशाद खान, जो उनके पहले कोच भी थे, ने उनके समर्पण की प्रशंसा की आप देश भर में कई क्रिकेट एकेडमी और उनके कोचों से कहानी सुन सकते हैं।

नौशाद को सिर्फ यह बताया जाता था कि ऊपरवाले के घर में “देर है पर अंधेर नहीं” और उनका बेटा भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलेगा।

ऊपरवाला देता है, कहते हैं ना। नौशाद भी ऐसा ही हुआ।

जबकि उनके बड़े भाई सरफ़राज़ को आखिरकार मौका मिल गया, उनके छोटे बेटे मुशीर ख़ान को साउथ अफ्रीका में अंडर 19 वर्ल्ड कप में हर कोई शतक लगाते देख रहा था।

 

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